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स्कूल बस का किराया बढ़ा

 

स्कूल बस का किराया बढ़ा

नागपुर: केंद्रीय शिक्षण मंडल अंतर्गत सीबीएसई की शाला शुरू हो गई हैं , जबकि २७ जून से राज्य शिक्षा मंडल की सभी शाला शुरू होगी . बच्चे शाला में जाने से पालकों की हलचल शुरू हो गई है . शालाओं ने भी जोरदार तैयारी शुरू की है . लेकिन विद्यार्थियों को शाला में पहुंचाने स्कूल बस वाले चाचा कहां है ? क्योंकि पिछले २ वर्ष में किश्त बकाया होने से बैंक व फाइनेंस कंपनियों ने बस जब्त की है . वहीं कुछ बस घर के सामने धूल खाते पड़ी हैं. जिससे इस बार स्कूल बस विद्यार्थी सेवा में दौड़ेगी या नहीं ऐसा संदेह पालक व विद्यार्थियों में निर्मित हो गया है . इसका सीधा असर विद्यार्थियों पर पड़ने की संभावना है . स्कूल बस व वेन द्वारा हर दिन हजारों विद्यार्थियों की यातायात होता है . विद्यार्थियों को शाला में पहुंचाने के लिए परेशानी बढ़ गई है. कोरोना काल में शाला बंद हो गई थी . स्कूल बस चालकों की आय बंद हो गई . बैंक व फायनेंस कँपनी की किस्त बकाया थी. जिससे वाहन जब्त हो गए है . इसमें कुछ चालकों ने अपने वाहन की बिक्री कर दूसरा व्यवसाय शुरू किया . २ वर्ष स्कूल बस बंद होने से अब उसे शुरू करने के लिए हजारों का खर्च अपेक्षित है . इसी तरह देखभाल से बीमा की किस्त , आरटीओ पासिंग आदि खर्च भी करना पड़ेगा . जिससे अनेक स्कूल बस चालक इतनी बड़ी रकम खर्च कर पुन : यह व्यवसाय शुरू करने की मानसिकता में नहीं है . जिससे अनेक स्कूल बस चालकों ने इस व्यवसाय से हाथ खींच लिया है . स्कूल बस , वैन व रिक्शा के माध्यम से यातायात होता है . वहीं शालाओं की स्वयं की ८ से १० प्रश बसें हैं . बड़े पैमाने पर यातायात यह निजी वाहनों से होता है .

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