मुंबई : राज्य की सभी यंत्रणा एक-दूसरे के साथ योग्य समन्वय रखकर किसी भी हालत में आपदा की स्थिति में जीवितहानी नहीं हो सके, इस ओर ध्यान दे। साथ ही अधिकारी भी प्रत्यक्ष रूप से फिल्ड पर रहकर काम करें जिससे की यंत्रना के सभी लोग भी सतर्क रहेंगे, यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रमुख उपस्थिति में मंत्रालय के समिति सभागृह में राज्य की आपदा व्यवस्थापन का जायज़ा बैठक हुई, इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री. शिंदे बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री.शिंदे ने कहा कि आपदा में समन्वय बहुत जरूरी होता है। एनडीआरएफ ने उसी तरह सेना ने भी पिछले साल बाढ़ की स्थिति में अच्छा काम किया है। उसी तरह किसी भी हालत में संपर्क और संवाद का अभाव न रह सके, इस ओर ध्यान दें। जिलाधिकारी व पालिका कार्यालयों की वॉर रुम यंत्रणा सज्ज रहकर लोगों की शिकायतों को तत्काल निपटान करें। पिछले साल भूसक्खलन की घटनाएँ हुई थी। विशेषत: जहां पर हमेशा भूसक्खलन होता है, उस थल के व्यक्तिरिक्त नए स्थान पर यह घटनाएँ हुई। इसलिए इस साल अधिक दक्ष रहने की जरूरत है, यह कहते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरनाक इमारतों के निवासियों को भी भारी बारिश के समय अस्थायी निवारा में स्थलांतरित करते हुये वहाँ पर उनके रहने-खाने की व्यवस्था करने की ज़िम्मेदारी पालिका लें। मैं और उपमुख्यमंत्री 24 घंटे हम सभी के लिए उपलब्ध रहेंगे और उसी तरह हम तक भी उसी तेजी से अंतिम छोर तक की घटनाएं और अंतिम छोर तक सरकार की योजनाएँ पहुंचनी चाहिए। एक दिन में 275 मि.मी. बारिश होने पर महानगरपालिका ने और रेलवे ने सफाई, पानी जमा न हो, इसके लिए व्यवस्था की, जिसकी वजह से कहीं पर भी मुंबई के लोगों को परेशानी नहीं और यातायात भी सुचारु रूप से रहा, इस पर मुख्यमंत्री ने इस बैठक में समाधान व्यक्त किया।इस बैठक में मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव समेत विविध विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।